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*दुखयारी उम्मत के लिए एक नायाब तोहफा* वर्षों से बड़े-बड़े ऋ | Mujarrab Nuskhe

*दुखयारी उम्मत के लिए एक नायाब तोहफा*


वर्षों से बड़े-बड़े ऋषि-मुनियों द्वारा आजमाई हुई औषधि जिस का उल्लेख बड़े-बड़े यूनानी ग्रन्थों में मिलता है, ऐसा नुस्खा जो एलोपैथ को चुनौती दे सके, वह नुस्खा आज उपलब्ध है। इसकी सराहना करना या न करना, यह आपके दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। फिर यह न कहें कि हकीम लोग नुस्खा अपने साथ कब्र में ले जाते हैं लेकिन दूसरों को नहीं बताते
मैं इस दवा को हब्बे सकूनी के नाम से बनाता हूं।


नुस्खा

असरोल बूटी 50 ग्राम
अश्वगंधा नागौरी 25 ग्राम
सूखा धनिया 12.50 ग्राम
काली मिर्च 6.25 ग्राम


*बनाने की विधि*
सब को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें और पानी की सहायता से चने के आकार की गोली बनाकर छाया में सुखा लें, महाऔषधि तैयार है।


*विधि प्रयोग*
इसका प्रयोग निम्नलिखित रोगों में बहुत उपयोगी होगा

बीपी हाई हो तो दो-दो गोली दिन में दो बार पानी के साथ दें

नींद न आए तो दो गोली शाम को भोजन के बाद पानी के साथ लें

अगर आपको डिप्रेशन है, तो इसका मतलब है कि आप हाई टेंशन में हैं, टेंशन के कारण सिरदर्द, चक्कर आना, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना आदि।

मौत का डर, मरे हुए को देखकर घबराहट होना, कब्रिस्तान में जाकर बीमार होना, डर से बीमार होना, कायरता, कांपना या गुस्से में बेहोश हो जाना जैसे मनोवैज्ञानिक रोग ऐसे मरीजों के साथ मेरा निजी अनुभव रहा है।

वे कहते हैं कि अगर आप किसी अंधे को जौहरी के पास बिठाकर उम्मीद करते हैं कि वह हीरे की पहचान कर लेगा,


*दुआओं का तालिब*
हकीम सद्दाम हुसैन रज़वी
रज़वी आयुर्वेदिक दवाखाना बीजापुर कर्नाटक पंजीकृत वेद परिषद दावनगिरे
मोबाइल नं. 9035246701
9880587782