फिर दिल से आ रही है सदा उस गली में चल
शायद मिले ग़ज़ल का पता उस गली में चल
उस फूल के बग़ैर बहुत जी उदास है
मुझ को भी साथ ले के सबा उस गली में चल
दुनिया तो चाहती है यूँही फ़ासले रहें
दुनिया के मशवरों पे न जा उस गली में चल
#habibjalib
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