इस तरह के फेरबदल से विद्यार्थियों एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के सामने अजीबोग़रीब परिस्थितियाँ उत्पन्न हो जाती हैं!
इन पुस्तकों को प्रामाणिक पुस्तकों के रूप में माना जाता है एवं अधिकतर अभ्यर्थी इनसे अपनी तैयारी करते हैं! पर जब परीक्षा में प्रश्न पूछा जाएगा कि राजस्थान में वर्तमान में कितने ज़िले हैं तब वह 50 विकल्प चुने या 33 चुने क्योंकि एक प्रामाणिक किताब तो 33 बता रही हैं और सरकारी दस्तावेज के अनुसार 50 ज़िले हैं! तब यह विवाद उत्पन्न होते हैं भर्तियाँ न्यायालय की शरण में जाती हैं!
इसलिए ऐसे विवाद उत्पन्न ना हो समय रहते सही तथ्यों के आधार पर पुस्तकों का प्रकाशन होना चाहिए!
हालाँकि अख़बार में भी त्रुटिपूर्ण खबर प्रकाशित हो जाती हैं..अब जब पुस्तक प्रकाशित हो जाएगी तब स्थिति स्पष्ट हो जायेगी! परंतु यह गंभीर विषय हैं!
Kanhaiya Goyal
@teacherguruji