*भारतीय नौसेना द्वारा उठाया गया यह अब तक का सबसे बड़ा कदम : दश | Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS
*भारतीय नौसेना द्वारा उठाया गया यह अब तक का सबसे बड़ा कदम : दशकों बाद भारत ने एकसाथ 11 पनडुब्बियों को ऑपरेशन ड्यूटी पर तैनात किया*
भारतीय नौसेना ने तीन दशकों में पहली बार एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ऑपरेशन के लिए एक साथ 11 पारंपरिक पनडुब्बियों को तैनात किया है।
भारतीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह तैनाती पिछले दो दशकों में भारतीय पनडुब्बी इतिहास के बिलकुल विपरीत है। ऑनलाइन न्यूज वेबसाइट 'द प्रिंट' को भारतीय नौसेना में करीब 25 साल तक सेवा दे चुके एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह वास्तव में मील का पत्थर है। जब से मैं भारतीय नौसेना में शामिल हुआ हूं, मैंने एक साथ इतनी बड़ी तैनाती नहीं देखी है। इसका मुख्य कारण यह था कि हमारे पास संचालन के लिए पर्याप्त पनडुब्बियां नहीं थीं। वास्तव में कई पनडुब्बियों के मरम्मत के दौर से गुजर रही थी।"
भारत के रक्षा प्रतिष्ठान के एक सूत्र ने कहा कि आखिरी बार 1990 के दशक की शुरुआत में भारतीय पनडुब्बियों को एक साथ सबसे बड़ी संख्या में तैनात किया गया था। उस समय भारतीय नौसेना ने आठ रूस की किलो-श्रेणी की, चार एचडीडब्ल्यू (जर्मन) और चार रूसी फॉक्सट्रॉट पनडुब्बियां तैनात की थीं।
भारतीय पनडुब्बी क्षेत्र को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इनमें स्कॉर्पियन पनडुब्बियों की डिलीवरी में देरी भी शामिल है।
भारत के पास 16 पारंपरिक पनडुब्बियां
भारत के पास फिलहाल 16 पारंपरिक पनडुब्बियां हैं। इनमें पांच स्कॉर्पियन-क्लास (फ्रांसीसी), चार एचडीडब्ल्यू (जर्मन) और सात किलो-क्लास (रूसी) पनडुब्बियां शामिल हैं। एक और स्कॉर्पियन श्रेणी की पनडुब्बी कमीशनिंग की प्रतीक्षा में है। इस तरह अगले साल तक भारत के पास 17 पारंपरिक पनडुब्बियां होंगी।
रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय नौसेना के लिए बेहतर तकनीक से लैस छह और पनडुब्बियां हासिल करने का प्रस्ताव पहले ही एक दशक से अधिक समय से विलंबित है और 2030 तक उसके पूरा होने की संभावना नहीं है।
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