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स्वीडन बना नाटो का 32 वां सदस्य स्वीडन, नाटो का 32वां सदस्य द | Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS

स्वीडन बना नाटो का 32 वां सदस्य

स्वीडन, नाटो का 32वां सदस्य देश बन गया। इसके साथ ही करीब दो दशकों तक गुट निरपेक्ष रहा स्वीडन नाटो के गुट में शामिल हो गया है। स्वीडन के पीएम उल्फ क्रिस्टीरसन ने देश के नाटो में शामिल होने को स्वतंत्रता की जीत बताया। उन्होंने कहा कि 'स्वीडन ने लोकतांत्रिक तरीके से, निष्पक्ष, संप्रभु और एकमत होकर नाटो में शामिल होने का फैसला किया है।' एक कार्यक्रम के दौरान स्वीडिश पीएम ने ये बात कही और इस दौरान अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी मौजूद रहे।

नाटो यानी उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (North Atlantic Treaty Organization) का गठन 1949 में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और फ्रांस सहित 12 देशों ने किया था। इसका उद्देश्य सोवियत संघ - साम्यवादी राज्यों का एक समूह जिसमें रूस भी शामिल था, के विस्तार को रोकना था। स्वीडन के जुड़ने के बाद नाटो में अब 32 देश शामिल हो गए हैं। इससे पहले 2023 में फिनलैंड नाटो का 31 वां सदस्य बना था।

नाटो का मकसद क्या है ?

नाटो से जुड़ने वाले सदस्य देश इस बात पर सहमत हैं कि यदि उनमें से किसी एक पर हमला किया जाता है, तो दूसरों को उसकी रक्षा में मदद करनी चाहिए। यहां यह गौर करने वाली बात है कि नाटो के पास अपनी कोई सेना नहीं है, लेकिन सदस्य देश संकट के जवाब में सामूहिक सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं। वे संयुक्त सैन्य अभ्यास भी करते हैं। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद नाटो ऐक्टिव हुआ है। वह रूस को "अपने सहयोगियों की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण और सीधा खतरा" मानता है।

रूस के लिए कितना बड़ा झटका ?

स्वीडन से पहले 2023 में उसका पड़ोसी देश फिनलैंड नाटो में शामिल हुआ था। पहले फिनलैंड और अब स्वीडन के नाटो से जुड़ने के बाद लगभग पूरे बाल्टिक सागर पर नाटो का नियंत्रित जो रूस के लिए एक रणनीतिक झटका है। स्वीडन के पास एक सुसज्जित सेना और एक मजबूत हथियार उद्योग भी है।

नाटो में कौन-कौन से देश हैं ?

ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन और तुर्की सहित पूरे यूरोप और उत्तरी अमेरिका में नाटो के 31 सदस्य हैं। अब स्वीडन ने 32 देश के रूप में नाटो की सदस्यता ले ली है। 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद, कई पूर्वी यूरोपीय देश नाटो से जुड़े हैं, जिसमें अल्बानिया, बुल्गारिया, हंगरी, पोलैंड, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया, रोमानिया, लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया देश शामिल हैं।