Suno मेरी तस्वीर को आँखों से लगाती क्यु हो इतनी नफरत है तो त | Kalam se alfaaz ✍️
Suno
मेरी तस्वीर को आँखों से लगाती क्यु हो
इतनी नफरत है तो तस्वीर को तन्हाई मैं सीने से लगती क्यू हो
मिला कर नजर मेरी नजरो से अंजुमन मे यू नज़र चुराती क्यूं हो
मेरी बर्बादी में तू भी है बराबर का शामिल है
फिर मेरे किस्से तुम गैरों को सुनाती क्यों है
Irfan