Suno कुछ यादगार-ए-शहर- ए-सितमगर ही ले चलें, आये हैं तो फिर गली में से पत्थर ही ले चलें, रंज-ए-सफ़र की कोई निशानी तो पास हो, थोड़ी सी ख़ाक-ए-कूचा- ए-दिलबर ही ले चलें। 72 views⫷«♕︎𝕚𝕣𝕗𝕒𝕟♕︎»⫸, 08:13